माँ पुत्र का पॆट जांचती हैं,पत्नी जॆब ।
माँ की ममतामययी आँखे मात्र पुत्र की ख़ुशी देखती है।
जीवन में माता का स्थान कोई ले सकता,
माँ अपने सपने बालक आँख में देखती है ।
माँ की ममतामययी आँखे मात्र पुत्र की ख़ुशी देखती है।
उपर जिसका अंत नहीँ उसे आसमां कहते हैं ,
जहाँ में जसका अंत नही उसे माँ कहते है ।
माँ अपने सपने बालक आँख में देखती है ।
जिवन मे पहले गुरू कोन होता है ।
आपके माता पिता हि होते है ।
माता ममता देती है ।
पिता भविष्य देता है ।
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